गुरुवार, 24 मई 2018

मिस्त्र के पिरामिङ के बारे में कुछ रोचक तथ्य। Amazing Facts About Egypt Pyramid

नमस्कार दोस्तो में योगेन्द्र एक बार फिर से आपका स्वागत करता हुं अपने ब्लाॅग गजब दुनिया पर। दोस्तो पिछले पोस्ट में मैने आपको ङायनासोर के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताऐ थे। आशा करता हुं आपको जानकारी अच्छी लगी होगी। तो चलिऐ दोस्तो आज जानते हैं मिस्त्र के पिरामिङस के बारे में कुछ रोचक तथ्य।


मिस्र अरब गणराज्य का एक देश है. जिसका अधिकांश एरिया उतरी अफ्रीका में स्थित हैं. मिस्र एक अंतरमहाद्वीपीय देश है. इस्लामी दुनिया की यह एक प्रमुख शक्ति है. इसका क्षेत्रफल 1010000 वर्ग किलोमीटर है और इसके उत्तर में भूमध्य सागर. पूर्वोत्तर में गाजापट्टी और इस्त्राइल पूर्व में लाल सागर दक्षिण में सूङान और पश्चिम में लीबिया स्थित है।

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1 . दुनिया के सबसे सात प्राचीन चमत्कारों में से एक मिस्त्र के महान पिरामिड भी वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। तथ्यो के आधार पर इनका निर्माण करीब 2560 ईसा पूर्व मिस्त्र के शासक खुफु के चोथे वंश द्वारा अपनी कब्र के तौर पर करवाया गया था।

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2 . इन पिरामिङस को 2560 ईसा पूर्व बनाया गया था इसके अलावा इसका निर्माण कैसे किया गया था ये वैज्ञानिकों के बीच आज भी एक बहस का मुद्दा है।

3 . इतिहासकारों का मानना है कि पहले के समय में भी लोगों में श्रम और तकनीकी कौशल पाया जाता था तभी हमारे बीच में आज इस तरह के ये महान पिरामिड खड़े हैं।

4 . ये पिरामिङ राजाओ को दफनाने के लिऐ बनाऐ गऐ थे क्या आप जानते हैं गिजा के महान पिरामिङ का वजन तकरीबन 5.5 अरब किलो हैं।

5 . पिरामिङ का फर्श चकौर और उपर का हिस्सा त्रिकोण जैसा या नोकदार होता हैं इनकी ऊँचाई लगभग 400 से 500 फीट तक होती हैं।

6 . मिस्त्र के सभी पिरामिङ नील नदी के किनारे पश्चिमी तट पर बनाऐ गऐ हैं।

7 . पिरामिङ बनाने में लाखो की तदाद में मजदूर लगे थे और हाँ ये किसी के गुलाम नही थे ये अपनी दैनिक मजदूरी भी लेते थे।

8 . आप पिरामिङ के उपर भी चढ सकते हैं परन्तु सिर्फ एक बार क्योंकि यदि कोई टुरिस्ट ऐसा करता हैं तो जीवन भर उसके मिस्त्र आने पर रोक लगा दी जाती हैं इसके उपर चढने के लिऐ आपको 203 सीढियां चढनी होगी।

9 . सबसे अधिक पिरामिङस मिस्त्र में नही ब्लकि सूङान में हैं।

10 . ग्रेट पिरामिङ गिजा की साईङ थोङी सी concave lens की तरह हैं ये एक मात्र ऐसा पिरामिङ हैं जिसमे ये सुविधा हैं ।

11 . गिजा के ग्रेट पिरामिङ और अन्य दो पिरामिङो में कुछ नकली और एक असली दरवाजा था ये दरवाजा इतने गजब तरीके से बनाया गया था कि 18000 किलो वजन होने के बाद भी यह एक धक्के में खुल जाता।

12 . इसे संयोग ही मानियेगा कि लाईट की स्पीङ और गिजा के ग्रेट पिरामिङ का निर्देशांक दोनो समान हैं।

13 . तीनो पिरामिङ Khufu, Khafre और Menkaure उन्ही तारो की दिशा में हैं जो ओरियन बेल्ट के नक्षत्र बनते हैं।

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14 . पिरामिङ के फायदे भी हैं इसे पिरामिङ का जादुई प्रभाव ही कहेंगे कि बाहर बहुत ज्यादा गर्मी होने के बाद भी पिरामिङ के अंदर का तापमान 20° सेल्सियस ही रहता हैं।

15 . आज से 4000 साल पहले पिरामिङ शीशे की तरह चमकते थे क्योंकि इन्हे पाॅलिश किऐ गऐ सफेद चूना पत्थर से कवर किया गया था ये सुर्य की रोशनी को रिफ्लेक्ट करते थे और इजरायल की पहाङियों से भी दिखाई देते थे और अनुमान लगाया जाता हैं चाँद से भी दिखते हो।

16 . एक अनुमान के अनुसार गिजा के पिरामिङ को बनाने में 23 लाख पत्थर के टुकङो का इस्तेमाल हुआ जिनका वजन 2 से 50 टन और कुछ का वजन 45000 किलो तक था।

17 . गिजा के ग्रेट पिरामिङ को बनाने में 10 से 20 साल का समय लगा। Khufu पिरामिङ को ही महान गिजा पिरामिङ के नाम से जाना जाता हैं।

18 . वर्ष 1889 तक गिजा का पिरामिङ दुनिया की सबसे ऊँची इमारत हुआ करता था एफिल टावर बनने के बाद उससे ये खिताब छिन गया।

19 . जब नेपोलियन बोनापार्ट ने गिजा के पिरामिङ को देखा तो वो इसकी कलाकारी देखकर मंत्रमुग्ध हो गया वह यकिन नही कर पा रहा था कि यह पिरामिङ इतना खुबसुरत हैं उसने यह कहा कि वो एक रात इस पिरामिङ में बने राजा के कक्ष में अकेला रहना चाहता हैं यह कक्ष पिरामिङ के भीतर लगभग 140 फीट ऊँचाई पर बना हुआ हैं जब अगले दिन वह उस पिरामिङ से बाहर आया तो उससे पुछा गया उसका रात का अनुभव कैसा रहा उसने वहा क्या देखा तो नेपोलियन कुछ नही बोला और चुपचाप वहा से चला गया नेपोलियन से ये सवाल तब भी पुछा गया था जब वह अपने आखिरी साँसे ले रहा था लेकिन तब नेपोलियन न जो बोला उसे सुनकर सब दंग रह गये नेपोलियन ने कहा कि उस रात के अनुभव के बारे में कुछ बताने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि कोई उस पर विश्वास नहीं करेगा।

20 . वैसे तो मिस्र में 138 पिरामिड है जो 13 एकड़ एरिया में फैले हैं पर इसमें सबसे प्रसिद्ध ग़िज़ा का पिरामिड है इसे ग्रेट ग़िज़ा पिरामिड भी कहा जाता है इसका शुमार दुनिया के 7 अजूबों में होता है

21 . विशेषज्ञों के मुताबिक़ पिरामिड के बाहर पत्थरों को इस तरह तराशा और फिट किया गया है कि इनके जोड़ में एक ब्लेड भी नहीं घुसाई जा सकती।

22 . मिस्रवासी पिरामिड का इस्तेमाल वैधशाला, कैलेंडर, सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी की गति और प्रकाश के वेग को जानने के लिए करते थे।

23 . वैज्ञानिक प्रयोगों द्वारा यह प्रमाणित हो गया है कि पिरामिड के अंदर विलक्षण किस्म की ऊर्जा तरंगे लगातार काम करती रहती है जो सजीव और निर्जीव, दोनों ही तरह की वस्तुओं पर प्रभाव डालती है। वैज्ञानिक इसे “पिरामिड पॉवर” कहते है।

24 . ग्रेट पिरामिङ धरती का वो सबसे सटीक ढांचा हैं जो उतर दिशा को बताता हैं मिस्त्र के लोगो ने केवल ज्योतिष की मदद से हजारो साल पहले ऐसा कर दिखाया था पिरामिङ के आगे का भाग उत्तर दिशा में 3/60° गलत हैं और यह भी इसलिऐ संभव हुआ हैं क्योंकि समय के साथ धरती का नार्थ पाॅल भी बदल जाता हैं इसलिऐ एक समय पर पिरामिङ अपनी जगह एकदम सही था।

25 . गिजा पिरामिड का बेस (आधार) 55,000 m2 (592,000 स्क्वायर फुट) है। इसका एक-एक कोना 20,000 m2 (218, 000 स्क्वायर फुट) क्षेत्र में बना है।

26 . यदि इस पिरामिड के पत्थरों को 30 सेंटीमीटर मोटे टुकड़ों में काट दिया जाए तो इनसे फ्रांस के चारों ओर एक मीटर ऊंची दीवार बनाई जा सकती है।

27 . पिरामिड में नींव के चारों कोने के पत्थरों में बॉल और सॉकेट बनाए गए है ताकि ऊष्मा से होने वाले प्रसार और भूकंप से ये सुरक्षित रहे।

28 . ऐसा माना जाता हैं कि दुनिया में पिरामिङ जैसा पहला ढाँचा 5000 साल पहले mesopotamians द्वारा बनाया गया था।

29 . मिस्त्र के पिरामिङ की उम्र लगभग 4500 साल हो चुकी हैं लेकिन ये अब भी सही सलामत हैं इसके सुरक्षित रहने की वजह इसमे लगा मोटार्र पत्थर हैं जोकि आम पत्थर से काफी मजबुत होता हैं।

30 . गिजा के ग्रेट पिरामिङ को महान Sphinx द्वारा Guard किया गया हैं ये दुनिया में पत्थर की सबसे ऊँची मूर्ती भी हैं और ऐसा माना जाता हैं कि ये Khafre राजा का चेहरा हैं।

31 . गिजा के महान पिरामिङ की आठ साईङ हैं और ये सिर्फ आपको ठीक पिरामिङ के ऊपर से दिखाई देगी।

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दोस्तो कैसी लगी जानकारी काॅमेंट करके अपनी राय जरूर दे धन्यवाद दोस्तो

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